What is corporate governance ?
साधारण शब्दों में कहा जाए तो कॉर्पोरेट गवर्नेंस का मतलब विभिन्न मामलों में कॉर्पोरेट कंपनियों पर सरकारी संस्था द्वारा निगरानी रखने से है। कॉर्पोरेट गवर्नेंस के माध्यम से सरकार कई तरह से कंपनियों की निगरानी करती है। इसके माध्यम से सरकार कॉर्पोरेट कंपनियों के स्टेक होल्डर, डेट होल्डर और शेयर होल्डर का हित भी देखती है।
साथ ही इन कंपनियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित करती है। अलग- अलग देशों में यह काम विभिन्न संस्थाओं के द्वारा किया जाता है। भारत में सेबी ऐसी ही संस्था है जो कॉर्पोरेट गवर्नेंस का काम करती है। पहले के मुकाबले अब इसकी जरूरत ज्यादा महसूस की जा रही है।
दरअसल पिछले कुछ समय के दौरान कई बड़ी- बड़ी कंपनियों के दिवालिया होने के बाद इनकी निगरानी जरूरत पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा महसूस की जा रही है। इन कंपनियों के डूबने से एक तरफ जहां निवेशकों का पैसा डूबता है वहीं तरफ इससे कई सारे लोगों का रोजगार भी छिनता है साथ ही देश की साख भी प्रभावित होती है।
इसके कोड और नियम विभिन्न देशों में विकसित हुए है साथ ही शेयर बाजार और दूसरे बाजारों से भी इन नियमों की उत्पत्ति हुई है। इनमें से कुछ नियम ऐसे हैं जिन पर वैश्विक स्तर पर सहमति है। इनमें ऑडिटिंग, बोर्ड और मैनेजमेंट की संरचना और प्रक्रिया, कॉर्पोरेट जवाबदेही, वित्तीय पारदर्शिता और सूचना देना, और मालिकाना हक आदि शामिल है।
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